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सोलर पम्प

कुसुम योजना के तहत 60% अनुदान पर किसानों को मिलेगा सोलर पंप

कुसुम योजना के तहत 60% अनुदान पर किसानों को मिलेगा सोलर पंप

अच्छी फसल के लिये सिंचाई का सुनिश्चित साधन का होना आवश्यक है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी पर सोलर पम्प मुहैया कराई जा रही है, जिससे किसानों के लिये समय पर अपनी फसलों की सिंचाई करने में कोइ परेशानी नहीं हो और फसलों की लागत में भी कमी आए। 

भारत सरकार द्वारा देश भर में इसके लिए कुसुम योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के किसान योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोलर पम्प पर सब्सिडी देने के लिए किसानों से आवेदन माँगे गए हैं। ऑनलाइन आवेदन कर इच्छुक किसान सोलर पम्प की बुकिंग कर टोकन जनरेट कर सकते हैं। टोकन प्राप्त करने के बाद किसानों को चालान के माध्यम से अपने अंश की राशि बैंक शाखा में जमा करानी होगी।

सोलर पम्प पर दिया जाने वाला अनुदान

किसानों को कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की लागत का कुल 60 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में सरकार देगी. किसानों को लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा स्वयं देना होगा।

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सोलर पम्प की क़ीमत एवं अनुदान

  • सरकार ने 2 एचपी डीसी और एसी सर्फेस पम्प के लिए 1 लाख 44 हजार 526 रूपये मूल्य निर्धारित किया है। जिसमें किसानों को मात्र 57 हजार 810 रूपये देना होगा, शेष राशि सब्सिडी के रूप में सरकार द्वारा दी जाएगी।
  • वहीं 2 एचपी. डीसी सबमर्सिबल पम्प का मूल्य 1 लाख 47 हजार 131 रुपए निर्धारित है। इस पर किसानों को 88 हजार 278 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी और किसानों का अंशदान 58 हजार 835 रूपये होगा.
  • 2 एचपी. एसी सबमर्सिबल की लागत मूल्य 1 लाख 46 हजार 927 रूपये, सब्सिडी 88 हजार 756 रूपये और किसानों के अंशदान की राशि 59 हजार 71 रूपये होगा.
  • 3 एचपी एसी एवं डीसी सबमर्सिबल की क़ीमत सरकार ने 1 लाख 94 हजार 516 रुपए रखी है। इसमें किसानों को 1 लाख 16 हजार 710 रूपये का सब्सिडी मिलेगा जबकि शेष राशि 77 हजार 806 रूपये किसानों को अंशदान के रूप नें देना होगा.
  • वहीं 3 एचपी. एसी सबमर्सिबल के लिए सोलर पम्प की लागत 1 लाख 93 हजार 460 रूपये निर्धारित है. इस पर सरकार किसानों को 1 लाख 16 हजार 076 रूपये सब्सिडी देगी। जबकि शेष राशि अंशदान के रूप में किसानों को 77 हजार 384 रूपये देना होगा |
  • 5 एचपी. एसी सबमर्सिबल की क़ीमत कुसुम योजना के तहत 2 लाख 73 हजार 137 रूपये लागत मूल्य तय है. 5 एचपी. एसी सबमर्सिबल पर सरकार 1 लाख 63 हजार 882 रूपये का अनुदान देगी, जबकि अंशदान के रूप में किसानों को शेष राशि 1 लाख 09 हजार 255 रूपये देना होगा.
  • 7.5 एचपी.एसी सबमर्सिबल की क़ीमत सरकार नें 3 लाख 72 हजार 126 रूपये तय किया है. इस पर सरकार किसानों को 2 लाख 23 हजार 276 रूपये अनुदान देगी, जबकि शेष राशि 1 लाख 48 हजार 850 रुपए किसानों को देना होगा।
  • 10 एचपी.एसी सबमर्सिबल की लगत मूल्य 4 लाख 64 हजार 304 रूपये निर्धारित है. इस पर किसानों को 2 लाख 78 हजार 582 रूपये अनुदान मिलेगा, जबकि शेष राशि 1 लाख 85 हजार 722 रुपए किसानों को देना होगा।
  • सिचाई के लिये पम्प के लिये इच्छुक किसानों के खेतों में बोरिंग होना आवश्यक है. राज्य उन्हीं किसानों को योजना का लाभ देगी जिनके खेत में बोरिंग उपलब्ध होगा.

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इसके लिए कुछ नियम बनायें हैं:

  • 2 एचपी हेतु 4 इंच, 3 एवं 5 एचपी हेतु 6 इंच तथा 7.5 एवं 10 एचपी हेतु 8 इंच का बोरिंग होना चाहिए.
  • किसानों को बोरिंग स्वयं करानी होगी.
  • 22 फिट तक 2 एचपी सर्फेस, 50 फिट तक 2 एचपी सबमर्सिबल, 150 फिट तक 3 एचपी सबमर्सिबल, 200 फिट तक 5 एचपी सबमर्सिबल तथा 300 फिट तक की गहराई पर उपलब्ध जल स्तर हेतु 7.5 एवं 10 एचपी के सबमर्सिबल सोलर पम्प उपयुक्त होते हैं.
  • जलस्तर के अनुसार किसान पंप का चयन करेंगे.

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किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की वेबसाइट http://upagriculture.com पर पंजीकरण होना आवश्यक होगा. 

ऑनलाइन बुकिंग और टोकन जनरेट करने के उपरान्त कृषक अंश की धनराशि एक सप्ताह के अन्दर किसी भी इण्डियन बैंक की शाखा में जमा करनी होगी, अन्यथा कृषक का चयन स्वतः निरस्त हो जायेगा।

किसान के खर्चो में कमी करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है सोलर एनर्जी पर निर्भरता

किसान के खर्चो में कमी करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है सोलर एनर्जी पर निर्भरता

खेती किसानी में बढ़ते हुए खर्चों के कारण किसानों की लागत एवं आमदनी में अंतर बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि खेती में लगने वाली लागत में बेतहासा वृद्धि हुई है, लेकिन उस अनुपात में खेती से होने वाली आमदनी में बढ़ोत्तरी नहीं देखी गई है। इसलिए सरकार समय-समय पर किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्रयास करती रहती है। इसी श्रृंखला में आज हम बताने जा रहे हैं सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी (Solar Energy) के बारे में, जो परंपरागत बिजली बचाने के साथ-साथ किसानों के खर्चों में लगाम लगाने में सहायक हो सकती है। इसके लिए किसानों को अपनी खेती को परंपरागत बिजली की जगह सोलर एनर्जी से प्राप्त बिजली में स्थानान्तरित करना होगा। किसान सिंचाई के साथ अन्य चीजों में सोलर बिजली का उपयोग कर सकते हैं। इससे एक तरफ तो सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही बिजली की खपत कम होगी, तो दूसरी तरफ बिजली का बिल न आने के कारण किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानि 'प्रधानमंत्री कुसुम योजना' (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthan Mahabhiyan - 'PM KUSUM Scheme') के नाम से एक योजना भी चलाई है, जिसमें सरकार किसानों को डीजल-पेट्रोल के पम्पों की जगह सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों को लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है।


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क्या है प्रधानमंत्री कुसुम योजना?

इस योजना की घोषणा सबसे पहले पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की थी, जिसमें किसानों को सिंचाई का एक अच्छा माध्यम देने के लिए डीजल-पेट्रोल से चलने वाले पम्पों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पम्पों से बदलने के लिए कहा गया था। इस योजना का उद्देश्य किसानों को पूरी तरह से सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा पर निर्भर बनाना है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 34,422 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है, जिसके तहत किसानों को सोलर पम्प लगाने पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत सोलर पम्प खरीदने के लिए 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार प्रदान करेगी, जबकि 30 प्रतिशत राशि किसान बैंकों से ऋण के रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इस ऋण को किसानों को बैंकों को वापस करना होगा। बाकी बची हुई 10 प्रतिशत राशि का खर्च किसान को खुद वहन करना होगा। PM Kusum Yojna : Source: https://pmkusum.mnre.gov.in/landing.html

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य किसानों को अपने खेतों में सोलर पैनल (Solar Panel) और सोलर पम्प (Solar Pump) लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार ऐसे राज्यों के किसानों को सोलर पंप या सोलर पैनल प्रदान करने की कोशिश कर रही है, जहां किसानों की, पानी की कमी की वजह से फसलें उजड़ जाती हैं, साथ ही किसान खुद के पैसों से सोलर पैनल लगवाने में समर्थ नहीं हैं। इन सोलर पैनलों से प्राप्त बिजली का उपयोग किसान सिंचाई के साथ-साथ घर के अन्य कार्यों के लिए भी कर सकते हैं। साथ ही अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकते हैं, जिनसे किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो सकती है।

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरुरत होती है?

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको आधार कार्ड, मूल निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, किसान होने का सर्टिफिकेट, बैंक में खाता, जमीन का विवरण, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो की जरुरत पड़ेगी।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना से क्या लाभ हैं?

इस योजना में सोलर पैनल लगवाने पर किसान को लागत का मात्र 10 प्रतिशत ही भुगतान करना होता है। सोलर पैनल लगने के कारण सिंचाई के अलावा अतिरिक्त बिजली का उपयोग घर के अन्य कामों के लिए किया जा सकता है। जिस भूमि पर पानी की कमी के कारण अनाज नहीं उगाया जाता था उस पर अब अनाज उगाया जा सकता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी। इससे किसानों को आर्थिक तंगी से बचाया जा सकेगा जिससे किसानों की आत्महत्याओं में कमी लाई जा सकेगी।


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सोलर पैनल लगवाने के बाद बार-बार बिजली का बिल भरने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस योजना के तहत लगने वाले सोलर पैनलों से जो अतिरिक्त बिजली बनेगी, उसे किसान सरकार को बेचकर कुछ अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना से प्राप्त बिजली के उपयोग से परोक्ष रूप से किसान पर्यावरण को भी हानि नहीं पहुंचाते हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना में आवेदन कैसे करें?

प्रधानमंत्री कुसुम योजना में आवेदन करने के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग आधिकारिक वेबसाइट हैं, जो सम्बंधित राज्य के कृषि एवं ऊर्जा मंत्रालय द्वारा चलाई जाती हैं। इच्छुक किसान अपने राज्य की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। अप्लाई करने के 90 दिनों के भीतर सहायता राशि मुहैया करवाकर सोलर पम्प चालू कर दिए जाते हैं।
यूपी के किसानों के लिए फिर शुरू हुई सोलर पम्प वितरण योजना

यूपी के किसानों के लिए फिर शुरू हुई सोलर पम्प वितरण योजना

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को अनुदान पर मिल रहीं हैं सोलर पम्प

लोकेन्द्र नरवार लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने फिर से पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पम्प वितरण योजना शुरू कर दी है। 20 अक्तूबर से शुरू होने जा रही इस योजना में किसानों को 70 से 80 फीसदी अनुदान पर सोलर पम्प वितरण किए जाएंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं।

इन तारीखों में शुरू हो रही है योजना :

1- सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, अयोध्या, लखनऊ व गोरखपुर मंडलों के किसान 20 अक्तूबर से आवदेन कर सकते हैं। 2- आगरा, बरेली, मुरादाबाद, देवीपाटन, आजमगढ एवं बस्ती मंडलों के किसान 21 अक्तूबर से आवदेन कर सकते हैं। 3- कानपुर, प्रयागराज, झांसी, चित्रकूट, वाराणसी एवं मिर्जापुर मंडलों के किसान 22 अक्तूबर से आवदेन कर सकते हैं। सभी आवदेन ऑनलाइन होंगे।

सोलर पम्प का प्रकार एवं क्षमता :

  • 2 एचपी डीसी सर्फेन्स
  • 2 एचपी एसी सर्फेन्स
  • 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल
  • 2 एचपी एसी सबमर्सिबल
  • 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल
  • 3 एचपी एसी सबमर्सिबल
  • 5 एचपी एसी सबमर्सिबल
  • 7.5 एचपी एसी सबमर्सिबल
  • 10 एचपी एसी सबमर्सिबल


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इस तरह मिलेगा किसानों को कुसुम योजना का लाभ :

1- प्रदेश के सभी किसान अपने अपने मंडल की तिथियों के हिसाब से यूपी सरकार की वेबसाइट http://upagriculture.com पर जाकर अपना पंजीकरण कराएं। 2- सभी जिलों में लक्ष्य के अनुरूप 200 फीसदी तक पहले आओ-पहले सोलर पम्प पाओ के तहत अनुदान मिलेगा। 3- सबसे पहले प्रतीक्षा सूची को वरीयता दी जाएगी। 4- ऑनलाइन टोकन जनरेट होने के बाद किसान को किसी भी भारतीय बैंक में जाकर चालान के जरिए अपना कृषक अंश जमा करना होगा। 5- इस योजना में शामिल होने से पहले किसान के पास बोरिंग होना अनिवार्य है, जो स्वंय किसान की जिम्मेदारी होगी। ----- लोकेन्द्र नरवार